क्या है अग्निपथ योजना ? क्यों हो रहा इतना विरोध, क्यों देश के युवा सड़क पर हैं उतर आए ? 

जानिए मुख्य बातें ...

केंद्रीय सरकार द्वारा भारतीय  सेना में भर्ती को लेकर अब तक का सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिला है

सरकार ने घोषणा की है की अब से आर्मी ,नेवी और एयर फाॅर्स में नए नियम , अग्निपथ योजना के अनुसार भर्ती होगी 

जिसमे अब केवल चार साल के लिए ही सेना में युवाओं की भर्ती करायी जाएगी, और चार साल के बाद केवल 25% सेना को ही परमानेंट किया जायेगा  

क्या है अग्निपथ योजना ?

अग्निपथ योजना सेना में भर्ती होने का एक नया नियम है जिसे हाल ही में लागु किया गया और जिसके अनुसार युवाओं को केवल 4 साल के लिए भर्ती लिया जायेगा और उन्हें ट्रेनिंग के साथ सैलरी भी दी जाएगी और... 

और जब चार साल पुरे हो जायेंगे तो केवल 25 % को ही परमानेंट किया जाएगा, बाकि 75% लोग कई प्रकार की क्रेडिट्स दिए जायेंगे जो उन्हें बाहर जॉब्स लेने में मदद करेगी  

साथ ही यह भी जानकारी दी गयी है की उन 75% लोगों किसी प्रकार की पेंशन और रिटायरमेंट के पैसे नहीं मिलेंगे 

इस नियम के अनुसार 17 से 21 वर्षों के छात्र ही ट्रेनिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं और चयन होने के बाद शुरुवात में उन्हें 25 से 30 हज़ार की वेतन भी दी जाएगी  

क्यों हो रहा है विरोध ?

सेना में भर्ती होने के लिए सालों से मेहनत कर रहे युवाओं को यह नियम मंजूर नहीं है

चार साल बाद वे क्या करेंगे, क्या उन्हें बाहर  एक अच्छी नौकरी मिल पाएगी , चार साल के लिए वे आर्मी में क्यों जाएँ ? इत्यादि सवाल लोगो को काफी तंग कर रहे हैं 

मेजर जनरल (रिटायर्ड) यश मोर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश, सेना में रिक्रूटमेंट को पैसा बचाने के हिसाब से देखने लगा है।

इस नए नियम को लेकर युवा काफी आक्रोश में नज़र आ रहे हैं, कई जगह दंगे,हड़ताल हो रहे हैं तो कई जगह लोग सड़क जाम कर रहे हैं, पुतला  जला रहे हैं 

अग्निपथ योजना को कुछ बड़े लोगों ने  सकारात्मक बताया है तो कई लोगों ने इसे  रोजगार के खिलाफ बताया है, कुछ लोगों के अनुसार इसमें देश के महत्पूर्ण डाटा लीक होने का खतरा भी है 

सरकार ने इस नियम को काफी  सकारात्मक बताया है , उनके अनुसार सेना में मिले अनुभव को लोग विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल कर पाएंगे, ज्यादा से ज्यादा लोगो को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा 

अभी यह मामला पूरी तरह से गंभीर हैं , लोग हर जगह आन्दोलन कर रहे हैं और इस नियम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं 

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